समर्थन मूल्य पर खरीदी 15 नवंबर से, बाजारों में बढ़ी गतिविधि
मुंगेली । दीपावली और एकादशी त्योहारों के बाद अब गांव-देहातों में खेतों की रौनक लौट आई है। किसान अपनी मेहनत की फसल को संजोने के लिए धान कटाई के काम में पूरी तरह जुट गए हैं। खेतों में हरूना सहित जल्दी पकने वाली धान की किस्में पककर तैयार हो चुकी हैं। किसान परिवार और उपलब्ध मजदूरों के साथ मिसाई और ढुलाई के कार्यों में व्यस्त हैं।
इस बार खेतों में पानी सूखने और मौसम के साफ रहने से कटाई के लिए अनुकूल माहौल बना हुआ है। लगातार धूप खिलने से खेतों की नमी घट गई है, जिससे कटाई आसान हो गई है। वहीं, कुछ गांवों में धान काटने के लिए मजदूरों की कमी देखने को मिल रही है, जिसके कारण कई किसान स्वयं और परिवार के साथ खेतों में उतर रहे हैं।
बारदाने की मांग बढ़ी, बाजार में पूछ-परख तेज
सरकारी खरीदी की नियत तिथि करीब आने के साथ ही किसानों में बारदाने की मांग अचानक बढ़ गई है। उपार्जन केंद्रों में धान की आवक 15 नवंबर से शुरू होगी, जो 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। इस खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में सरकार द्वारा 3100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा। इसे देखते हुए किसान स्टॉक संभालने के लिए बारदाना जुटाने में लगे हैं।
मजदूरों की कमी, हार्वेस्टर की ओर रुख
जिले के कई गांवों में धान कटाई हेतु मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार युवा वर्ग खेती-किसानी से दूरी बनाता जा रहा है और खेतों में काम के प्रति रुचि कम दिखा रहा है। ऐसे में महिलाओं और बुजुर्गों की बड़ी भूमिका सामने आ रही है। वहीं, साधन-संपन्न किसान हार्वेस्टर से कटाई कराने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि कम रकबे वाले किसान स्वयं कटाई करने को मजबूर हैं।
उधर, देर से बोई गई सरना किस्म की धान की फसल अभी कुछ क्षेत्रों में कच्ची है, जिसकी कटाई कुछ दिनों बाद शुरू होगी।
कुल मिलाकर, खेतों में इस समय धान कटाई जोर-शोर से चल रही है। मजदूरों की उपलब्धता, बारदाने की व्यवस्था और समर्थन मूल्य खरीदी की समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए किसान अपनी तैयारियों को अंतिम चरण में ला रहे हैं।
